व्यापम घोटाला: आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 केस में 30 दोषियों को 7 साल, एक को 10 साल की सजा

  भोपाल. मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के बहुचर्चित व्यापम घोटाले (vyapam scam) के आरक्षक भर्ती परीक्षा (Constable recruitment exam) केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Special Court) ने 31 दोषियों की सज़ा का ऐलान कर दिया है. इनमें से 30 दोषियों को 7-7 साल और दलाल प्रदीप त्यागी को 10 साल की सजा सुनायी है. इस मामले की सुनवाई 2014 से चल रही थी. CBI के स्पेशल जज SB साहू ने सोमवार को सज़ा पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने 21 नवंबर को सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था.


2013 का घोटाला


भोपाल ज़िला अदालत स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 2013 में हुए आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में शामिल 31 लोगों को दोषी पाया. इनमें अधिकांश परीक्षार्थी और दूसरे के नाम पर परीक्षा देने वाले मुन्ना भाई हैं. इस केस में मुख्य सरगना ग्वालियर का प्रदीप त्यागी था, जो दलाल की भूमिका में था.


एसटीएफ ने बनाया था 31 को आरोपी


सीबीआई ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले में सबसे पहले एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की थी. एसटीएफ को सूचना मिली थी कि आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से परीक्षार्थी की जगह कोई और परीक्षा दे रहा है. इस सूचना पर एसटीएफ की अलग-अलग टीमों ने भोपाल और दतिया के परीक्षा केंद्रों से छह-छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था. ये सभी दूसरे आवेदक के नाम पर परीक्षा दे रहे थे. इनकी निशानदेही पर 12 आवेदकों को भी गिरफ़्तार किया गया था.



दलालों की गिरफ़्तारी


बाद में एसटीएफ ने ग्वालियर के दलाल प्रदीप त्यागी, मिडिलमैन और दूसरे दलालों को गिरफ्तार किया. कुल 31 आरोपी बनाए गए.


सीबीआई जांच


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस केस की जांच शुरू की. उसने आरोपियों के खिलाफ नए सिरे से सबूत जुटाए और उनके खिलाफ सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश की. ये पूरा मामला पिछले पांच साल से कोर्ट में चल रहा है. यह पहला मौका है, जब व्यापम घोटाले के किसी केस में एक साथ इतनी संख्या में आरोपी दोषी करार दिए गए. इससे पहले व्यापम के कुछ दूसरे मामलों में भी कई दोषियों को सज़ा हो चुकी है.